लेखक: रंजीत शर्मा
Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी 2024 का पर्व इस बार 7 सितंबर को मनाया जाने वाला है। इस दिन अगले 10 दिनों तक बप्पा सभी के घरों में विराजमान रहेंगे। अगर आप पहली बार गणेश मूर्ति की स्थापना करने जा रहे है, तो उससे पहले ये जरूर कर लें। जानेंगे की क्यों मनायी जाती है गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी 2024 का पर्व नजदीक आ चुका है। इस बार गणेश चतुर्थी 2024 का पर्व 7 सितंबर, के दिन मनाया जायेगा। इसी दिन से अगले दस दिनों तक गणपती सभी के घरों में विराजमान रहेंगे। महाराष्ट सहित उत्तर प्रदेश जैसे बहुत के राज्यों के लोग इस दिन गणेश गणेश जई का स्वागत करेंगे। विभिन्न प्रकार के पंडालों को सजाकर उसमें गणेश जई को विराजमान किया जायेगा। और अगले 10 दिनों तक रोज सुबह और शाम गणेश जी की पूजा अर्चना और आरती की जाएगी।
पुराणों में लिखा है, गणेश चतुर्थी के जन्म के रूप में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। बताया गया है, भगवान श्रीगणेश का जन्म भाद्रपद मास की शुक्लपक्ष तिथि चतुर्थी के दिन हुआ था। जब से, इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास की शुक्लपक्ष तिथि को मनाया जाता है। इस बार भाद्रपद मास की शुक्लपक्ष तिथि चतुर्थी 6 सितंबर, 2024 की दोपहर 03.02 से शुरू हो रही है, जो शनिवार 7 सितंबर को शाम 05.38 पर समाप्त होगी। शुभ मुहूर्त की बात करे, गणेश चतुर्थी 2024 का शुभ मुहूर्त 7 सितंबर की सुबह 11 बजकर 03 मिनट पर प्रारंभ होगा और दोपहर 01 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में अगर आप गणेश जी की स्थापना करते है, आप पर सदैव गणेश जी की कृपा बनी रहेगी।
Ganesh Chaturthi क्यों मनाई जाती है
गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जिसे खासतौर पर गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के पर्व के रूप में मनाए जाने लगा। यह पर्व गणेश चतुर्थी को, जिसे पंचांग के अनुसार, के भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।
भगवान गणेश भगवान महादेव और माता पार्वती के छोटे पुत्र है। भगवान गणेश, जिन्हें बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य के देवता माना जाता है, उनके जन्म की कथा प्राचीन हिंदू ग्रंथों में वर्णित है। मान्यता है कि गणेश जी की पूजा से सभी विघ्न और बाधाएँ दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस दिन, गणेश जी के भक्त उनकी मूर्तियों को अपने घरों और सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित करते हैं, और विभिन्न पूजा अनुष्ठानों, भजन-कीर्तन, और धार्मिक गतिविधियों के माध्यम से उनका पूजन करते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान बड़े भव्य उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिसमें गणेश जी की मूर्तियों को सजाया जाता है, इन भव्य उत्सवों में विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। और फिर दसवें दिन (अनंत चतुर्दशी) पर भव्य विसर्जन के साथ गणेश चतुर्थी के त्योहार का समापन होता है।
गणेश जी की मूर्ति स्थापना पर करे ये काम, ना करे ये गलती
गणेश चतुर्थी 2024 का पर्व आ चुका है। सभी भक्त गणेश जी को अपने घरों में स्थापित करेंगे। और उनकी पूजा अर्चना करेंगे। आशीर्वाद भी मांगेंगे। इसलिए, आपको गणेश जी की मूर्ति स्थापना में एक उपाय करना होगा जिससे, गणेश जी का आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहेगा।
- गणेश मूर्ति की स्थापना: घर या सार्वजनिक स्थान पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति का चयन आपकी सुविधा और श्रद्धा के अनुसार करें, चाहे वह मिट्टी की हो या धातु की। मिट्टी की मूर्ति ज्यादा शुभ मानी गई है।
- पुजा इस प्रकार करे: गणेश जी की पूजा नियमोनुसार और विधिपूर्वक करें। सबसे पहले गणेश जी का अभिषेक करें और फिर उन्हें भोग अर्पित करें। गणेश जई को मोदक अत्यधिक पसंद है,उनके भोग में मोदक अवश्य शामिल करे। और लड्डू,फल एवं दूध का भी भोग लगाए।
- पूजा के लिए जरूरी वस्तुएं: गणेश जी की पूजा में समर्पित वस्तुएं जैसे चंदन, कुमकुम, फूल, दीपक, और धूप। इसके बिना गणेश जी की पूजा सम्पन्न नही होगी। गणेश चतुर्थी के लिए विशेष पकवान जैसे मोदक, उच्छी, या नारियल के लड्डू बनाएं और गणेश जी को अर्पित करें।
- भजन करे और मंत्र पढ़ें: गणेश जी की पूजा में भजन, कीर्तन करें और मंत्रों का उच्चारण करें। “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जप करे।
- दान जरूर करें: गणेश चतुर्थी के दिन दान जरूर करें किसी जरुरतमन्द व्यक्ति को क्योंकि इस दिन दान और परोपकार का महत्व भी है। गरीबों, जरूरतमंदों या धार्मिक संस्थाओं को दान देने से पुण्य प्राप्त होगा। और आपको गणेश जी का आशीर्वाद भी मिलेगा।
- विसर्जन ऐसे करें: गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ होता है। पूजा के अंतिम दिन, गणेश जी की मूर्ति को नियमोनानुसार और श्रद्धापूर्वक विसर्जित करें, जिससे विघ्न और बाधाओं से मुक्ति मिलती
गणेश चतुर्थी पर इन कार्यों को करने से बचें
गणेश चतुर्थी पर कुछ विशेष कार्यों को करने से बचना चाहिए ताकि पूजा और उत्सव का वातावरण शुभ और सकारात्मक बना रहे। आपको निम्नलिखित कार्यों से परहेज करना उचित रहेगा:
- गुस्सा न करें: गणेश चतुर्थी के दिन गुस्सा न करें। इस दिन सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखना महत्वपूर्ण है। गुस्सा करने, और झगड़े से बचें और नकारात्मक सोच से बचें।
- असावधानी से काम ना करें: गणेश जी की पूजा के समय असावधानी या लापरवाही न करें। गणेश जी की पूजा विधिपूर्वक और श्रद्धा से करनी चाहिए।
- रात्रि को भोजन ना करे: कई लोग ऐसा मानते हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन रात को भोजन नहीं करना चाहिए। इस दिन विशेष रूप से सुबह और दिन के समय ही भोजन करना अच्छा माना जाता है।
- शराब और मांसाहार: गणेश चतुर्थी पर शराब नहीं लें और मांसाहारी भोजन से परहेज करना चाहिए। यह दिन पवित्रता और साधना का दिन है।
- झगड़ा ना करें: अपने परिवार और दोस्तों के साथ आपसी झगड़े और विवादों से दूर रहें। इस दस दिनों तक शांति और सामंजस्य बनाए रखना चाहिए।
आप गणेश चतुर्थी के दौरान इन सभी कार्यों के दूरी बनाएँ। इससे आप पर गणेश जी का आशीर्वाद बना रहेगा। गणेश जी सुख और शांति के देवता है। उन्हें नाराज नही करे। और उनके पूजा में किसी भी प्रकार की कमी ना रहने दें। आपको पंचांग अनुसार जानकारी दी गई है।
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One Reply to “Ganesh Chaturthi: करने जा रहे है गणेश जी की स्थापना, तो यह जरूर पढ़ लें”