गणेश चतुर्थी का पर्व शुरू हो गया है बप्पा का स्वागत हो गया है। गणेश जी की पूजा में मोदक होना जरूरी माना गया है
बिना मोदक गणेश जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। उनकी पूजा मेंमें मोदक न होना मतलब उनका आशीर्वाद न मिलना
मान्यता के अनुसार, जब भगवान परशुराम महादेव के दर्शन करने आए। गणेश जी ने उन्हें कैलाश में प्रवेश करने से रोक। महादेव ध्यान में थे
महादेव का आदेश था। मेरे ध्यान में कोई विघ्न ना आयें इसलिए विघनहर्ता गणेश जी ने भगवान परशुराम को द्वार पर ही रोक लिया
जिससे भगवान परशुराम क्रोधित हो गए और उन्होंने अपना परशु गणेश जी पर चला चला दिया। जिससे उनका एक दांत टूटकर जमीन पर गिर गया
दांत टूटने की वजह से गणेश जी को भोजन चबाने में परेशानी होने लगी। इसके चलते माता पार्वती ने उनके लिए मोदक बनवाए।