Monkeypox Virus: पूरी दुनिया में एक नए वायरस की दस्तक हो चुकी है, और अब यह वायरस इंडिया में भी पैर पसारने लगा है। भारत में मंकीपॉक्स का पहला केश मिल चुका है, आखिर ये मंकीपॉक्स वायरस है क्या। इसके लक्षण और बचने के उपाय भी जानेगे।
Covid-19 के बाद फिर एक बार दुनिया में नया वायरस पैर पसारने में लगा है। कोरोना वायरस ने दुनिया भर में काफी तबाही मचाई। जिससे पूरी दुनिया लॉकडाउन रही। 3 साल तक पूरी दुनिया ने लॉकडाउन को सहा। अब फिर से एक नए वायरस की दस्तक से फिर एक बार दुनिया खतरे में है।
दुनिया में Monkeypox Virus की एंट्री हो चुकी है। अभी तक इस वायरस के केस बाहर के देशों में सामने आ रहे थे। अब इसकी दस्तक भारत में भी हो गई है। कई देशों में कहर बरपाने के बाद अब इस वायरस का संदिग्ध मरीज भारत में पाया गया है।
Monkeypox Virus In India
Vayu Times 24: दुनिया के कुछ देशों में कहर बरपाने के बाद अब मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मरीज भारत में पाया गया है। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा की भारत में Mpox से पीड़ित एक व्यक्ति की पहचान हुई है। जो मंकीपॉक्स से पीड़ित देश की यात्रा से लौटा है।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहचान किए गए व्यक्ति को अलग वार्ड में रखा है, जहा उसकी हालत अभी स्थिर बताई जा रही है। उसे अलग रखा गया है इसलिए चिंता की कोई बात नही है। सभी सैंपल लेकर जांच की जा रही है। आगे की स्तिथि में हमारी नजर बनी हुई है।
क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो एक वायरस के कारण होती है जिसे “मंकीपॉक्स वायरस” कहते हैं। यह वायरस पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था, जिससे इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ा। इसने इंसानों को भी अपनी चपेट में लिया पहली बार इसका पहला संक्रमण इंसान में 1970 पाया गया । मंकीपॉक्स एक “पॉक्सवाइरस” परिवार का हिस्सा है, जिसे “Orthopoxvirus” के नाम से भी जाना जाता है।
इसके आम लक्षण: मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट और त्वचा पर दाने (पॉक्स) हो सकते हैं। यह दाने आमतौर पर चेहरे, हाथों और पैरों पर होते हैं, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों पर भी फैल सकते हैं। बीमारी का संक्रमण श्वसन कणों, संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने, या संक्रमित व्यक्ति के साथ करीबी संपर्क से हो सकता है।
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- थकावट
- त्वचा पर दाने
- चेहरे और हाथ पैरों पर दाने
यह बीमारी आमतौर पर हल्की होती है और अधिकांश लोग पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर भी हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है। मंकीपॉक्स का इलाज आमतौर पर लक्षणों की देखभाल से होता है, और कुछ मामलों में एंटीवायरल दवाओं का उपयोग भी किया जा सकता है।
मंकीपॉक्स से बचने के उपाय: मंकीपॉक्स वायरस से बचाव संभव है इसके लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होगा।
- संक्रमित व्यक्ति और जानवरों से दूरी बनाए रखें
- सार्वजनिक जगहों पर अपना मुंह ढक लें, मास्क का प्रयोग कर सकते है।
- जरूरत पड़ने पर अपने हाथ-पैरों को साबुन से बार बार धोते रहे
- अपने हाथ-पैरों और चेहरे को बार-बार नही छूए
- अपने आस-पास की जगह को साफ सुथरा रखें
- जंगली जानवरों के मांस खाने से बचे
- संक्रमित व्यक्ति या जानवर के शारीरिक तरल पदार्थ या घावों के संपर्क में आने से
- संक्रामित सामग्री के संपर्क में आने से
- कभी-कभी श्वसन वायुमंडल के माध्यम से
कुछ इस प्रकार मंकीपॉक्स वायरस से बचा जा सकता है। आप इनका पालन करके इससे बच सकते है।
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