Ratan Tata Biography: भारतीय उद्योगपति रतन टाटा का उम्र की बीमारियों के चलते 9 अक्टूबर, 2024 को निधन हो गया। टाटा ग्रुप की तरफ से इसकी पुष्टि की गयी। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। आइए जानते है, उनका जीवन
Ratan Tata Biography: दुनिया के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर, 2024 को निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में अपने जीवन की आखिरी सांस ली। उम्र के जुड़ी बीमारियों के उनका निधन हो गया। टाटा ग्रुप ने खुद इसकी पुष्टि की। रतन टाटा ने भरपूर मेहनत की और अपने समूह को आसमान तक पहुचाया।
इतना ही, नहीं साल 2008, में भारत का दूसरा नागरिक अवॉर्ड पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। टाटा ग्रुप ने आज के समय में हर क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बना ली। यही कारण है, आज भारतीय कारों की बाजार में भारतीयों कंपनियों का कब्जा है। विदेशी बाजारों में भी टाटा की गाड़ियां धूम मचाती है। आइए उनका सफर जानते है.
Ratan Tata Biography
28 दिसंबर 1937 को बंबई (मुंबई) में जन्में रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा है। रतन टाटा, नवल टाटा के पुत्र थे। जिन्हे रतनजी टाटा ने गोद लिया था। रतनजी टाटा, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के पुत्र थे। रतन टाटा भारतीय उद्योगपति होने के साथ एक परोपकारी व्यक्ति रहे है। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय के कॉलेज से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
रतन टाटा, साल 1961 में टाटा समूह में शामिल हुए। यही से उन्होंने टाटा ग्रुप का काम देखना शुरू कर दिया। साल, 1991 में ये टाटा ग्रुप के अध्यक्ष बने।
शिक्षा
रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने अमेरिका की Cornell University से आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की। इसके साथ ही, उन्होंने Harvard Business School से प्रबंधन की शिक्षा भी ली।
करियर
रतन टाटा ने 1962 में टाटा समूह में काम करना शुरू किया। उन्होंने विभिन्न व्यवसायों में विभिन्न भूमिकाएँ निभाईं और अंततः 1991 में टाटा समूह के चेयरमैन बने। उनके कार्यकाल के दौरान, टाटा समूह ने कई प्रमुख कंपनियों का अधिग्रहण किया, जैसे कि Tetley Tea, Jaguar Land Rover, और Corus Steel।
योगदान
रतन टाटा ने टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया और भारतीय उद्योग में नवाचार को बढ़ावा दिया। उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व को भी बताया और टाटा ट्रस्ट के माध्यम से कई चैरिटेबल कार्यों में योगदान दिया।
पुरस्कार
रतन टाटा को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और मान्यताएँ मिली हैं, जिसमें पद्म भूषण और पद्म विभूषण शामिल हैं।
निजी जीवन
रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की और उनके पास कोई संतान नहीं है। वे अपने परिवार के प्रति बहुत जुड़े हुए हैं और उन्हें पालतू कुत्तों का भी बहुत शौक है।
नेतृत्व और दृष्टिकोण
रतन टाटा ने अपने नेतृत्व में टाटा समूह को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाया, बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने कंपनी के नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर दिया। उनके द्वारा शुरू किए गए कई प्रोजेक्ट्स में शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास शामिल हैं।
प्रमुख पहलें
- टाटा नैनो: उन्होंने विश्व की सबसे सस्ती कार, टाटा नैनो, का प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसका उद्देश्य मध्यम वर्ग के लोगों को कार की सुविधा उपलब्ध कराना था।
- सामाजिक उद्यमिता: रतन टाटा ने सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा दिया, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और सुधार संभव हो सके।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी: उन्होंने अनुसंधान और विकास के लिए निवेश बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे भारत में तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहन मिला।
रिटायरमेंट और विरासत
2002 में, रतन टाटा ने टाटा समूह के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त होने का निर्णय लिया, लेकिन वे समूह के अध्यक्ष बने रहे। उनके बाद, Cyrus Mistry और फिर Natarajan Chandrasekaran ने नेतृत्व संभाला। रतन टाटा की विरासत न केवल उनकी व्यावसायिक उपलब्धियों में है, बल्कि उन्होंने जिस तरह से सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिकता को बढ़ावा दिया, वह भी महत्वपूर्ण है।
रतन टाटा का निधन
रतन टाटा हाल, ही में उम्र से संबंधित बीमारियों से ग्रसित हो गए। जिसके लिए उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया। कहते है जब ऊपर से ही बुलावा या जाए तो फिर कोई नहीं बचा सकता। ऐसा ही हुआ रतन टाटा के साथ। रतन टाटा का 9 अकटूबर 2024 को मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया।
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